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Tuesday, November 23, 2010

"रिपोर्ट यहाँ दर्ज करावें"




पने कई जगहों पर लिखे स्लोगन पढ़े होंगे जिन पर 
लिखा होता है "मोबाईल यहाँ पर रिचार्ज होता है,दूध-दही-मक्खन यहाँ मिलता है,देसी मुर्गी के अंडे मिलने का एक मात्र स्थान...." जैसी  कई और बातें...अब आप बिलासपुर के किसी भी थाने में जायेंगे कुछ उसी अंदाज में एक बोर्ड पर लिखा मिलेगा"रिपोर्ट यहाँ दर्ज करावें"...मतलब दुकानदारी या यूँ कहूँ की जिस तरह से ग्राहक फ़साने के लिए दुकान के बाहर आकर्षक स्लोगन लिखा होता है वैसा ही कुछ थानों में लिखकर पीड़ित की परेशानी को कम करने का प्रयास किया गया है...अब किसी भी पीडीत को थाने पहुंचने के बाद रिपोर्ट लिखवाने के लिए भटकना नही पड़ेगा...एक निर्धारित जगह पर बैठे खाकी वर्दी वाले साहेब से मिलकर बस आपको अपनी व्यथा सुनानी है..ये बात अलग है की आप जब थाने जाये तो जरुरी नही की वो साहेब आपको मिल जाएँ..हाँ सबको जी हुजुर बोलने के झंझट से आम जनता को छुटकारा जरुर मिल जायेगा...हर बात के लिए {"रिपोर्ट यहाँ दर्ज करावें"}इस बोर्ड के नीचे लिखे साहब से संपर्क करिए..व्यवस्था नई है,हो सकता है महंगाई के मुताबिक फीस बढ गई हो पर समस्या हल होगी ऐसा विभाग के अधिकारी भी कहते है...पुलिस अधिकारी शहर के थानों में हरियाली लाने पौधारोपण कर रहे है,कई थानों का कायाकल्प हो रहा है...नई साज-सज्जा के साथ कई थानों में थानेदार से लेकर रंगरूट तक नये है...लगता है खाकी अब नये अंदाज में जनता को उल्लू बनाने की फ़िराक में है... शहर में
पिछले तीन चार महीनो में अपराध का ग्राफ जितनी तेजी से बढा है उससे तो यही लगता है की ऊपर से लेकर नीचे तक सब अपराधी की परछाई को पकड़ने के लिए पैदल चल रहे है...अपहरण,हत्या,चोरी,लूट जैसी वारदात अब खुलेआम और बेखोफ हो रही है...वारदात के बढे ग्राफ से साहेबानो को भी खास फर्क नही पड़ता...साहेब लोग अपने में मस्त है और अपराधी अपने कारनामो में...वैसे बिलासपुर जिले की कानून व्यवस्था का हाल भगवान भरोसे उसी दिन से हो गया जिस दिन से थोरात साहेब बतौर एसपी यहाँ आये...हर दस दिन बाद थानों में फेरबदल,यहाँ-वहाँ जवानो की बेजा कसरत और पुलिस के वास्तविक कर्तव्यों को भूल बाकी सब कुछ करना,यही सच खाकी वर्दी के पीछे छिपे कुछ इन्सान गाहे-बगाहे कर देते है....वरना तो अब सारे दबंग ये कहते फिर रहे है कि रिपोर्ट दर्ज कराना है तो यहाँ आयें....


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