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Saturday, December 18, 2010

दिल की बात

 

 

रोग चाहे कितना भी छोटा क्यों न हो, प्रत्येक
रोग अपने रोग को ही सर्वाधिक कष्टकर कहता है. किन्तु ह्रदय की अस्वस्थता जीवन के
लिए वास्तव में सर्वाधिक घातक होती है क्योंकि यही रक्त के माध्यम से शरीर के
अंग-प्रत्यंग को आवश्यक पोषण पहुंचाता है. इसलिए स्वस्थ और सुखी जीवन के लिए ह्रदय
का स्वस्थ होना परमावश्यक है. ह्रदय को प्राकृतिक रूप से स्वस्थ रखना बहुत सरल है
यदि आप की आस्था रोग की चिकित्सा से अधिक रोग की रोकथाम में है.



ह्रदय को स्वस्थ रखने के लिए कुछ सरल किन्तु अति
महत्वपूर्ण उपाय निम्नांकित हैं -

  1. धूम्रपान का परित्याग करें,
  2. अपने रक्त में कोलेस्ट्रोल की नियमित जांच कराएं और इसे
    संतुलित रखने के लिए भोजन में संशोधन करें,
  3. अपना रक्त चाप नियमित रूप से जांच करवाते
    रहें,
  4. अपने रक्त में शक्कर का अनुपात नियंत्रित
    रखें,
  5. नियमित व्यायाम से अपने शरीर का भार सीमित
    रखें,
  6. तले गए खाद्यों का परित्याग करें और फल रथ सब्जियां अधिक
    खाएं,
  7. खूब गहरी नींद में सोयें, और अंतिम
  8. सदा मुस्कराते रहें. 

सरल सुखी जीवन चर्या के लिए उपरोक्त परामर्शों में क्रमांक ६ से ८ बहुत अधिक
महत्व के हैं. अपने चारों ओर मुस्कराहट छिटकाते रहने से जीवन में खुशी और स्वास्थ
आदत के रूप में विकसित हो जाते हैं. शरीर के प्रत्येक अंग को पोषण की उपलब्धता और
उस पर कार्यभार में संतुलन बनाए रखने की आवश्यकता होती है. फल और सब्जियां ह्रदय के
लिए अनेक कारणों से लाभकारी सिद्ध होती हैं -  


  • फलों और सब्जियों में उपस्थित रेशे शरीर में भोजन को चिपचिपा बनने से रोकते हैं
    जिससे उस का प्रवाह सहज और प्राकृत बना रहता है. इससे उदर और आँतों में अवांछित
    गैसों का उत्पादन नहीं होता जो शरीर और मस्तिष्क दोनों को दुष्प्रभावित करती हैं. 
  • फलों और सब्जियों में ऑक्सीकरण निरोधी द्रव्य होते हैं जो शरीर से अवांछित
    द्रव्यों को निष्कासित करते हैं. इससे रक्त में चिपचिपाहट उत्पन्न नहीं होती और
    उसका प्रवाह सहज बना रहता है, और ह्रदय स्वस्थ बना रहता है. 
  • भोजन में स्थानीय एवं ऋतू अनुसार उत्पादित फलों और सब्जियों के सम्मिलित करने
    से शरीर को उसकी समयानुकूल सभी आवश्यक खनिज और अन्य पोषण प्राप्त होते हैं जो उसे
    स्वस्थ रखते हैं.  

अच्छी नींद से शरीर और मस्तिष्क को पूर्ण विश्राम प्राप्त होता है. इससे
मस्तिष्क को शरीर के क्षतिग्रस्त ऊतकों की मरम्मत और देख-रेख का अवसर प्राप्त होता
है और मनुष्य संसार की कठोर परिस्थितियों का प्रसन्नता से सामना करने के लिए पुनः
ऊर्जित हो जाता है.  



धूम्रपान व्यक्ति के श्वसन तंत्र को प्रदूषित करता है जिससे रक्त को पर्याप्त
और शुद्ध ऑक्सीजन प्राप्त नहीं हो पाती. इससे रक्त में पोषक द्रव्यों का अभाव होने
लगता है और शरीर अस्वस्थ हो जाता है.  


Cholesterol Down: Ten Simple Steps to Lower Your Cholesterol in Four Weeks--Without Prescription Drugs


रक्त में अधिक कोलेस्ट्रोल और शक्कर की
उपस्थिति से रक्त वाहिनियाँ संकुचित होने लगती हैं और रक्त चाप बढ़ने लगता है. इससे
ह्रदय पर अवांछित और अधिक भार पड़ता है. इनकी अधिकता मनुष्य को स्वतः ज्ञात नहीं हो
पाती, इसलिए इनकी जांच के लिए रक्त का नियमित परीक्षण किया जाना आवश्यक होता है
जिससे कि दोष पाए जाने पर समुचित सुधार किये जा सकें और रक्त चाप संयमित बना
रहे.  



अतः मेरी तरह आज ही शपथ लें और ह्रदय को सदा स्वस्थ
रखें.
 
ZIAUDDIN
 
 

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