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Saturday, January 1, 2011

Social Welfare - समाज कल्याण विभाग में फिर दलालों का डेरा !

मुजफ्फरनगर। समाज कल्याण विभाग में एक बार फिर दलाल सक्रिय हो गए हैं। यह दलाल
भोले-भाले ग्रामीणों को बहला-फुसलाकर उनसे पैसा उगाही में लगे हैं। विभाग के अंदर
से चयनित पात्रों की सूचना बाहर जा रही है।
समाज कल्याण विभाग में दलाली पर अंकुश लगाने के लिए समाज कल्याण अधिकारी रिंकू राही ने कई कठोर कदम उठाए थे। उनके समय में दलाली पर पूरी तरह से अंकुश लग गया था, लेकिन अब फिर से विभाग में दलाली शुरू हो गई है। इसका खुलासा उस दौरान हुआ, जब पारिवारिक लाभ योजना के एक पात्र ने शिकायत की कि उससे ढाई हजार रुपये ले लिए गए हैं।
शिकायतकर्ता का कहना था कि उसे बताया गया कि उसका नंबर आ गया है। वह खाता नंबर विभाग में दे आए। इसके बदले में उससे ढाई हजार रुपये वसूले गए हैं। शिकायतकर्ता का कहना था कि संबंधित व्यक्ति ने अपना नाम न बताते हुए दो मोबाइल फोन नंबर दिए थे। यह भी दिलचस्प है कि शिकायतकर्ता सीडीओ आफिस के बाहर कर्मचारियों से बात कर ही रहा था कि तभी उक्त मोबाइल नंबर से दलाल का फोन आ गया। फोन को शिकायतकर्ता ने नहीं बल्कि सीडीओ के गनर ने सुना। फोन पर दलाल की ओर से कहा गया कि तुम सीडीओ आफिस पहुंच गए। तुरंत वापस आओ नहीं तो तुम्हे योजना का लाभ नहीं दिया जाएगा। इसके बाद जैसे ही गनर ने अपना परिचय दिया और उसे गिरफ्तार करवाने की बात कही तो तुरंत फोन का स्विच आफ कर दिया गया। इससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है
 संबंधित दलाल अथवा उसका कोई व्यक्ति उस समय भी विभाग के आसपास ही था। मामला सीडीओ के संज्ञान में आया तो मामले की गंभीरता को देखते हुए उन्होंने समाज कल्याण अधिकारी को मामले की जांच कर संबंधित व्यक्ति के खिलाफ कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए। इस संबंध में समाज कल्याण अधिकारी कन्हैया लाल गुप्ता का कहना है उक्त दोनों मोबाइल नंबरों का पता लगाया गया तो पता लगा कि उनमें से एक नंबर बिना आईडी के ही जारी हुआ है, जबकि दूसरे नंबर की छानबीन करवाई जा रही है। दोनों ही नंबर तभी से बंद है। चयन सूची का स्टाफ को ही पता है। यह सूचना कैसे बाहर जा रही है, यह सोचने का विषय है।
समाज कल्याण अधिकारी कन्हैया लाल गुप्ता ने कहा कि योजनाओं के पात्रों का चयन होने के बाद पैसा सीधे उनके खातों में भेजा जाता है। इसलिए यदि कोई व्यक्ति उनसे पैसा मांग रहा है तो सीधे इसकी शिकायत समाज कल्याण अधिकारी अथवा डीएम या सीडीओ से करें। ध्यान रखें की दलाल उन्हें बेवकूफ बनाकर पैसा ऐंठ रहे हैं।
"जियाउददीन"


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